लास्य नृत्य का अर्थ
[ laasey neritey ]
लास्य नृत्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- स्त्रियों का नृत्य जिसमें कोमल अंग भंगिमाओं के द्वारा मधुर भावों का प्रदर्शन होता है तथा जो श्रृंगार आदि कोमल रसों को उद्दीप्त करता है और इसमें गायन तथा वादन दोनों का योग रहता है:"लास्य देखकर मन प्रसन्न हो गया"
पर्याय: लास्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इसके अंतर्गत मोहिनियाट्टम जैसा लास्य नृत्य भी आता है ।
- प्रेमचक्षुओं के खुलते ही शिव शिवा का लास्य नृत्य दिखने लगता है।
- प्रेमचक्षुओं के खुलते ही शिव शिवा का लास्य नृत्य दिखने लगता है।
- स्वयं तांडव नृत्य करते हैं और पार्वती को लास्य नृत्य की शिक्षा देते हैं।
- इस शैली का प्रथम लास्य नृत्य इन्द्र के विजय-ध्वजारोहण समारोह पर किया गया था।
- ब्रह्मा जी ने आदेश दिया कि भविष्य में लास्य नृत्य केवल पृथ्वी पर ही किया जाये गा।
- प्रभू महेश ने तांडव नृत्य और देवी पार्वती ने लास्य नृत्य गन्धर्व वृन्द और अप्सराओं को सिखलाया ।
- कत्थक नृत्य का स्वरुप ताण्डव प्रधान होने से यह सूर्योपासना ताण्डव है तथा उडिसी नृत्य लास्य नृत्य का रूप है।
- कृष्ण ने भी कालिया नाग मर्दन के समय और गोपियों के साथ जो रास नृत्य किया था वह भी लास्य नृत्य का ही अंग माना जाता है।
- विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर के साथ लास्य नृत्य किया था तथा मुद्राओं के दूारा उसी का हाथ उस के सिर पर रखवा कर भस्मासुर को भस्म करवाया था।